Pukhraj Ratan ( Sapphire), Ratan, Gems, Stones, Gemstone
पुखराज बृहस्पति ग्रह का रत्न होता है। इसका रंग पीला होता है। जिस व्यक्ति की कुंडली में बृहस्पति ग्रह शुभ स्थिति में हो उनके लिए ये रत्न फलदायक साबित होता है। इस रत्न को धारण करने से शिक्षा के क्षेत्र में, धन संपत्ति में और मान-सम्मान में वृद्धि होने की मान्यता है।
1. पुखराज कितने दिन में असर दिखाता है?
पुखराज धारण करने के 30 दिनों में प्रभाव देना आरम्भ कर देता है और लगभग 4 वर्ष तक पूर्ण प्रभाव देता है और फिर निष्क्रिय हो जाता है ! निष्क्रिय होने के बाद आप पुन: नया पुखराज धारण कर सकते है।
2. पुखराज क्यों धारण करना चाहिए?
पुखराज रत्न धारण करने से मान-सम्मान व कीर्ति में वृद्धि होती है। शिक्षा व करियर के क्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है। अगर किसी के विवाह में बाधाएं आ रही हैं तो उन लोगों को पुखराज पहनने से लाभ मिलता है।
3. पुखराज कितने रत्ती का पहने?
पुखराज रत्न पहनने की विधि l रत्न का वजन कम से कम छह रत्ती से आठ रत्ती या फिर उससे ज़्यादा होना चाहिए। वैदिक ज्योतिष के अनुसार इस रत्न का प्रभाव उसके वजन के अनुसार बढ़ता है। इस अंगूठी को शुद्ध करने के लिए उसे गंगा जल या फिर दूध में डुबोकर रखें।
4. पुखराज की कीमत कितनी होती है?
आमतौर पर बाजार में पुखराज की शुरूआत कीमत 1 हजार प्रति कैरेट होती है। इसके ऊपर पुखराज की गुणवत्ता के अनुसार इसकी कीमत बढ़ती रहती है।
5. पुखराज कौन सी उंगली में पहनना चाहिए?
पुखराज तर्जनी में ही क्यों पहनने की सलाह देते हैं, क्योंकि कोई भी व्यक्ति धमकी, निर्देश आदि देता है तो इसी उंगली से देता है।
6. पुखराज रत्न कब धारण करना चाहिए?
पुखराज धारण करने की विधि, यदि आप बृहस्पति देव के रत्न, पुखराज को धारण करना चाहते है, तो 3 से 5 कैरेट के पुखराज को स्वर्ण या चांदी की अंगूठी में जड़वाकर किसी भी शुक्ल पक्ष के गुरुवार को सूर्य उदय होने के बाद इसकी प्राण प्रतिष्ठा करवाकर धारण करें।
7. पुखराज कौन सी धातु में पहनना चाहिए?
पुखराज : बृहस्पति का रत्न पुखराज सबसे तुरंत लाभ देने वाला रत्न माना जाता है। इस रत्न को सिर्फ सोने की धातु में ही धारण करना चाहिए।